भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

बपौती / राज मोहन

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

पुरखन के परछाईं
डुबाइली बनारस के
बहत पानी में
जतन से इगो पुराना
घाट के कंती
गंगा माइ के गोदी में।

सरनाम के छाता
तारु पे चपकल
अब्बे मारकी छोड़े है
हॉलैंड के चिक्कन पक्का पे
कदम, कदम