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बपौती / राज मोहन
Kavita Kosh से
पुरखन के परछाईं
डुबाइली बनारस के
बहत पानी में
जतन से इगो पुराना
घाट के कंती
गंगा माइ के गोदी में।
सरनाम के छाता
तारु पे चपकल
अब्बे मारकी छोड़े है
हॉलैंड के चिक्कन पक्का पे
कदम, कदम