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बरगदों से जियादा घना कौन है / 'सज्जन' धर्मेन्द्र

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बरगदों से ज़ियादा घना कौन है।
किंतु इनके तले उग सका कौन है।

मीन का तड़फड़ाना सभी देखते,
झील का काँपना देखता कौन है।

घर के बदले मिले ख़ूबसूरत मकाँ,
छोड़ता फिर जहाँ में भला कौन है।

सामने हो अगर प्रश्न तुम सा हसीं,
तो जहाँ में नहीं कर सका कौन है।

ले के हाथों में पत्थर वो पूछा किए,
सामने आइये आइना कौन है।