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बर्फ़ / शेखर जोशी
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फ्रिज से निकालकर
गिलासों में ढाल लेते हैं जिसे
रंगीन पानी के साथ
चुभला भी लेते हैं कभी-कभी
खूब ठण्डी-ठण्डी होती है
यही शायद आप समझते हैं बर्फ़ है ।
बर्फ़ जला भी देती है
गला देती है नाक, कान, अँगुलियाँ
पहाड़ों की बर्फ़ बहुत निर्मम होती है
बहुत सावधानी चाहिए बर्फ़ के साथ
अक्सर देखा है
बेपर्दा आँखों को अन्धा कर देती है
पहाड़ों की चमकती बर्फ़ ।