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बर्बरों की प्रतीक्षा करते हुए / कंस्तांतिन कवाफ़ी / कुमार अम्बुज

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हम इस जगह इकट्ठे होकर किसका इन्तज़ार कर रहे हैं ?

आज बर्बरों का यहाँ आना तय है ।

संसद में कुछ भी क्यों नहीं चल रहा है ?
जनप्रति‍निधि कोई कानून नहीं बना रहे हैं फिर वे वहाँ क्यों बैठे हैं ?

क्योंकि आज बर्बर आ रहे हैं ।
अब जनप्रतिनिधि कोई कानून बनाएँ भी तो उसका क्या मतलब ?
एक बार जब बर्बर यहाँ आ जाएँगें, तो वे ही कानून बना लेंगे ।

हमारे सम्राट सुबह इतनी जल्दी क्यों उठ गए,
और वे शहर के मुख्य द्वार पर मुकुट पहनकर सिंहासन पर क्यों बैठ गए हैं ?

क्योंकि आज बर्बर आ रहे हैं
और उनके मुखिया के स्वागत के लिए सम्राट प्रतीक्षारत हैं ।
सम्मान देने के लिए उनके पास प्रशस्ति पत्र भी है,
जिसमें बर्बरों के नामों के आगे दर्ज हैं उपाधियाँ ।

आज हमारे दो राजदूत और न्यायाधीश
अपनी कशीदाकारीवाले चोगे पहने क्यों आए हैं ?
उन्होंने तमाम आभूषण पहन रखे हैं, उनकी उँगलियों में
बिल्लौरी की पन्ना जड़ित अगूँठियाँ क्यों चमक रही हैं ?
उनके हाथों में शानदार सोने-चाँदी से मढ़ी छडि़याँ क्यों हैं ?

क्योंकि आज बर्बर आ रहे हैं
और इस तरह की चीजें बर्बर लोगों की आँखों में चमक भर देती हैं ।

हमारे ओजस्वी वक्ता हमेशा की तरह आज कहीं क्यों नहीं दिख रहे हैं
कि वे भाषण दें, कहें वह सब जो उन्हें कहना चाहिए ?

क्योंकि आज बर्बर आ रहे हैं
और वे एक-सी बातें सार्वजनिक तौर पर दोहराने से ऊब चुके हैं ।

यह अचानक घबराहट, यह हैरानी क्यों फैल गई है ?
(लोगों के चेहरे कितने गंभीर हो गए हैं)
गलियाँ और चौराहे इतनी तेजी से खाली क्यों हो रहे हैं,
घर की तरफ लौटते सभी लोग किस सोच में पड़ गए हैं ?

क्योंकि रात घिर आई है और बर्बर लोग अभी तक नहीं आए हैं ।
और हमारे कुछ लोग सीमांतों की तरफ से आकर बता रहे हैं
अब कहीं कोई बर्बर नहीं हैं ।

बर्बर लोगों के बिना अब हमारा क्या होगा ?
वे लोग एक तरह का समाधान थे।
 
अँग्रेज़ी से अनुवाद : कुमार अम्बुज

लीजिए, इस कविता का अँग्रेज़ी अनुवाद पढ़िए
               C. P. CAVAFY
       Waiting for the Barbarians

What are we waiting for, assembled in the forum?

      The barbarians are due here today.

Why isn’t anything going on in the senate?
Why are the senators sitting there without legislating?

      Because the barbarians are coming today.
      What’s the point of senators making laws now?
      Once the barbarians are here, they’ll do the legislating.

Why did our emperor get up so early,
and why is he sitting enthroned at the city’s main gate,
in state, wearing the crown?

      Because the barbarians are coming today
      and the emperor’s waiting to receive their leader.
      He’s even got a scroll to give him,
      loaded with titles, with imposing names.

Why have our two consuls and praetors come out today
wearing their embroidered, their scarlet togas?
Why have they put on bracelets with so many amethysts,
rings sparkling with magnificent emeralds?
Why are they carrying elegant canes
beautifully worked in silver and gold?

      Because the barbarians are coming today
      and things like that dazzle the barbarians.

Why don’t our distinguished orators turn up as usual
to make their speeches, say what they have to say?

      Because the barbarians are coming today
      and they’re bored by rhetoric and public speaking.

Why this sudden bewilderment, this confusion?
(How serious people’s faces have become.)
Why are the streets and squares emptying so rapidly,
everyone going home lost in thought?

      Because night has fallen and the barbarians haven't come.
      And some of our men just in from the border say
      there are no barbarians any longer.

Now what’s going to happen to us without barbarians?
Those people were a kind of solution.

TRANSLATED BY EDMUND KEELEY