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बलम! मत छोड़कर जाओ / अनुराधा पाण्डेय
Kavita Kosh से
बलम! मत छोड़कर जाओ, अभी मधुमास का मौसम।
प्रणय पथ में अभी बाकी, गुलाबी प्यास का मौसम।
रचो मृदु छंद अधरों से, अभी इन काम्य अधरों पर
अभी तो चंद दिन पहले, मिला अनुप्रास का मौसम।