भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

बलमा ऐथिन मोर / नंदकिशोर शर्मा

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

गौना बाला साड़ी पिन्हबै, पिन्हबै पटोर
आजू बलमा एैथिन मोर, आजू बलमा ऐथिन मोर।

कारा, छारा, नकलस पिन्हबै, काजर नैना कोर बनैबै
चमकौआ हम चूड़ी पिन्हबै, लाल रंग सैं गोर रंगैबै
झुनकी बाला पायल पिन्हबै, बनवै चकोर
आजू बलमा ऐथिन मोर।

शंखा कंगन, पिन्हबै बाला, हौंसली झुमका बीहा बाला
औंगरी में झमकैबै औंठी सुलफी देलका हींयां बाला
महकौआ हम तेल लगैबै पौडर पोरे पोर
आजू बलमा ऐथिन मोर।

बाजू-बांक, नाक में नथिया, मंगटिक्का सें माँग सजैबै
गौना बाला पिन्हबै सिकरी, डारा में डरकस चमकैबै
रैच रैच केय् लॉह रंगैबै, आरो रंगबै ठोर
आजू बलमा ऐथिन मोर।

बालम के बलिहारी पिन्हबै, घोंघटबाला साड़ी पिन्हबै
लेय्स लगैलका बूटा बाला, अंगिया धारी-धारी पिन्हबै
आधा बोलबै, आधा हँसबै, करबै झिकझोर
आजू बलमा ऐथिन मोर।

चाभी रिंग ऊ चाँनी बाला, खोंसबै क्लीप बीस नग बाला
बेली फुल के पिन्हबै गजरा, आठ लॉर के पिन्हबै माला
झमकैवै सतरंगा फीता, मोती कोरे कोर
आजू बलमा ऐथिन मोर।

ऐगना ओसरा गल्ली निपवै, तुलसी चौरा दिा जलैबै
खीर संग सब्जी सतरंगा, दलपुड़ी मलपुआ बनैबै
परसन पर परसन हम देबै करबै निहोर
आजू बलमा ऐथिन मोर।

गोर पखारवै गंगा जल सैं, दिा जलैबै घी के कल सैं
मुसकैते जे माँग पे सिन्दुर, प्रेम के आँसू गिरतै छल सैं
उहै पुरनका प्रीत के खिस्सा करबै भोरे-भोर
आजू बलमा ऐथिन मोर।