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बसंत-शोभा / विद्यापति
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आएल रितुपति - राज बसंत.
धाओल अलिकुल माधव-पंथ.
दिनकर किरन भेल पौगंड .
केसर कुसुम धएल हे दंड .
नृप-आसन नव पीठल पात .
कांचन कुसुम छत्र धरु माथ.
मौलि रसायल मुकुल भय ताल .
समुखहि कोकिल पंचम गाय .
सिखिकुल नाचत अलिकुल यंत्र .
द्विजकुल आन पढ़ आसिष मंत्र.
चन्द्रातप उड़े कुसुम पराग .
मलय पवन सहं भेल अनुराग .
कुंदबल्ली तरु धएल निसान .
पाटल तून असोक - दलवान.
किंसुक लवंग लता एक संग .
हेरि सिसिर रितु आगे दल भंग.
सेन साजल मधुमखिका कूल .
सिरिसक सबहूँ कएल निर्मूल.
उधारल सरसिज पाओल प्रान.
निज नव दल करू आसन दान.
नव वृन्दावन राज विहार .
विद्यापति कह समयक सार .