भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

बस थोड़ा और / ग्योर्गोस सेफ़ेरिस / प्रयाग शुक्ल

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

बस, थोड़ा और
दिखेंगे फिर फूलते बादाम वृक्ष
चमकते सूर्य में संगमरमर
समुद्र, और लहरें घुँघराली
थोड़ा ही और
ज़रा हो लें ऊंँचे की ओर —
और !

अँग्रेज़ी से अनुवाद : प्रयाग शुक्ल