भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
बहते रहना एक बहाना होता है / नोमान शौक़
Kavita Kosh से
बहते रहना एक बहाना होता है
दरिया को सागर तक जाना होता है
हर रिश्ते की उम्र मुक़र्रर होती है
मजबूरन भी साथ छुड़ाना होता है
दुनिया की सारी अच्छी तस्वीरों में
इक चेहरा जाना पहचाना होता है
कच्चे रंगो वाली तितली क्या जाने
बारिश में भी साथ निभाना होता है
सबसे गहरी होती है लफ़्ज़ों की चोट
लहजे का हर वार बचाना होता है