बहस के बाद / विजयदेव नारायण साही
असली सवाल है कि मुख्यमन्त्री कौन होगा ?
नहीं नहीं, असली सवाल है
कि ठाकुरों को इस बार कितने टिकट मिले ?
नहीं नहीं, असली सवाल है
कि ज़िले से इस बार कितने मन्त्री होंगे ?
नहीं नहीं, असली सवाल है
कि ग़फ़ूर का पत्ता कैसे कटा ?
नहीं नहीं, असली सवाल है
कि जीप में पीछे कौन बैठा था ?
नहीं नहीं, असली सवाल है
कि तराजू वाला कितना वोट काटेगा ?
नहीं नहीं, असली सवाल है
कि मन्त्री को राजदूत बनाना अपमान है या नहीं ?
नहीं नहीं, असली सवाल है
कि मेरी साइकिल कौन ले गया ?
नहीं नहीं, असली सवाल है
कि खूसट बुड्ढों को कब तक बरदाश्त किया जाएगा ?
नहीं नहीं, असली सवाल है
कि गैस कब तक मिलेगी ?
नहीं नहीं, असली सवाल है
कि अमरीका की सिट्टी पिट्टी क्यों गुम है ?
नहीं नहीं, असली सवाल है
कि मेरी आँखों से दिखाई क्यों नहीं पड़ता ?
नहीं नहीं, असली सवाल है
कि मुरलीधर बनता है
या सचमुच उसकी पहुँच ऊपर तक है ?
नहीं नहीं, असली सवाल है
कि पण्डित जी का अब क्या होगा ?
नहीं नहीं, असली सवाल है
कि सूखे का क्या हाल है ?
नहीं नहीं, असली सवाल है
कि फ़ौज क्या करेगी ?
नहीं नहीं, असली सवाल है
कि क्या दाम नीचे आयेंगे ?
नहीं नहीं, असली सवाल है
कि मैं किस को पुकारूँ ?
नहीं नहीं, असली सवाल है
कि क्या यादवों में फूट पड़ेगी ?
नहीं नहीं, असली सवाल है
कि शहर के ग्यारह अफसर
भूमिहार क्यों हो गये ?
नहीं नहीं, असली सवाल है
कि बलात्कार के पीछे किसका हाथ था ?
नहीं नहीं, असली सवाल है
कि इस बार शराब का ठीका किसे मिलेगा ?
नहीं नहीं, असली सवाल है
कि दुश्मन नम्बर एक कौन है ?
नहीं नहीं, असली सवाल है
कि भुखमरी हुई या यह केवल प्रचार है ?
नहीं नहीं, असली सवाल है
कि सभा में कितने आदमी थे ?
नहीं नहीं, असली सवाल है
कि मेरे बच्चे चुप क्यों हो गये ?
नहीं नहीं, असली सवाल …
सुनो भाई साधो
असली सवाल है
कि असली सवाल क्या है ?