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बहारें आएँगी होंठों पे फूल खिलेंगे / गोपाल सिंह नेपाली
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बहारें आएँगी, होंठों पे फूल खिलेंगे
सितारों को मालूम था, हम दोनों मिलेंगे
सितारों को मालूम था छिटकेगी चाँदनी,
सजेगा साज, प्यार का बजेगी पैंजनी
बसोगे मन में तुम तो मन के तार बजेंगे
सितारों को मालूम था...
मिला के नैन हम-तुम दो से एक हो गए
अजी हम पलकें तुम पे उठाते ही खो गए
नैन झुकाएँगे, जिया निछावर करेंगे
सितारों को मालूम था...
कली जैसा कच्चा मन कहीं तोड़ न देना
बहारों के जाने से कहीं छोड़ न देना
बिछड़ने से पहले, हम अपनी जान दे देंगे
सितारों को मालूम था...
(1955) फ़िल्म 'नवरात्रि'