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बहिना गे कोना क परिछब सिया जी के बर के / मैथिली

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   ♦   रचनाकार: अज्ञात

बहिना गे कोना क परिछब सिया जि के बर के
लगैय हमरा डर गे ना

बरके बापके पाकल दाढि, हुनका तीन तीनटा महतारि
बरके देखिके हमरा बुझाइय चित चोर गे
लगैय हमरा डर गे ना

बर छैथ बचपन सौ धनुष धारी उ त बनौलन पथल के नारी
हिनका देखिते देखिते भगेल साँझ स भोर गे
लगैय हमरा डर गे ना