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बहुत कठिन है / रमेश रंजक
Kavita Kosh से
बिना नीड़ के ऽ ऽ!
रैन बसेरा
पंछी बहुत कठिन है।
ये धरती आकाश
सफर के लिए जरूरी है
लेकिन बिना घोंसले के
ज़िन्दगी अधूरी है
बिना घोंसला
सदा होंसला
टूटा हुआ पुलिन
रैन बसेरा
बिना नीड़ के
पंछी बहुत कठिन।