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बहुत चाहा / मदन डागा
Kavita Kosh से
बहुत चाहा
अवाम के दर्द को पी लूँ
और
एक ज़िन्दगी जी लूँ
मगर, न जी सका
...........
अवाम के दर्द को न पी सका!