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बहुत बरदाश्त कर ली है मियां ये दुनियादारी क्या / भवेश दिलशाद
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बहुत बरदाश्त कर ली है मियां ये दुनियादारी क्या
जुनूं दिल में कफ़न सर पर सफ़र की है तयारी क्या
कोई नमक़ीन ख़्वाहिश क्या कोई मीठी कटारी क्या
समय के कड़वे सच हैं हम किसी की हमसे यारी क्या
यहीं पर लेनदारी देनदारी सब निपट जाये
वो जब तौले तो चकराये कि हल्का क्या है भारी क्या
जियू ये क़श्मक़श कब तक निभाऊं ज़िन्दगी कितनी
रहेगी यूँ ही क़िरदारों की मुझमें जंग जारी क्या
जवानी हुस्न शोख़ी लोच जलवे सब बहुत दिलक़श
मगर है कोई औरत इस जहाँ में माँ से प्यारी क्या