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बहुत से शिकारियों के हमले में / हेमन्त शेष

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बहुत से शिकारियों के हमले में

नहीं जा सका तैर कर जो मृग एक

जंगल की नदी के पार

उसके शानदार सींग

हमारी बैठक में लगे हैं--

हमारी बहादुरी का मज़ाक उड़ाते हुए!