भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

बहुरिया खोलू ने केबरिया / मैथिली लोकगीत

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

मैथिली लोकगीत   ♦   रचनाकार: अज्ञात

बहुरिया खोलू ने केबरिया, अहाँ संग खेलब अबीर
किनका के हाथ कनक पिचकारी, किनका के हाथ अबीर
रामक हाथ कनक पिचकारी, सियाजीक हाथ अबीर
किनका के पहिरन पियर पिताम्बर, किनका के पहिरन चीर
रामजी के पहिरन पियर पिताम्बर, सियाजी के पहिरन चीर