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बहू हे तेरा नाम चमेली / हरियाणवी
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हरियाणवी लोकगीत ♦ रचनाकार: अज्ञात
बहू हे तेरा नाम चमेली हे तू किस बालक की नार
बहू तूं सुथरी घणी से हे
सास मैं पाणी ने गई थी री उड़े आ रही एक बड़ी फौज
फौज में तै तेरा लाल खड़ा री
वो तै ले रहा अंगरेजी बैंत बात अंगरेजां
तैं कर रहा री
बहू हे तूं पक्के दिल की तनें देख्या मेरा लाल बहू हे
तूं घर क्यों न ले आई
सास वो तो जहाजां में बैठ लिया री उसने करड़े कर दिये पेच
जहाज मिसर में तार्या री