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बाँच रहा यादों का लेखा / बृजनारायण शर्मा
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बाँच रहा यादों का लेखा
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रचनाकार | बृजनारायण शर्मा |
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प्रकाशक | मेधा बुक्स,एक्स-11, नवीन शाहदरा, दिल्ली-110032 |
वर्ष | 2004 |
भाषा | हिन्दी |
विषय | |
विधा | सॉनेट |
पृष्ठ | 88 |
ISBN | 81-8166-053-6 |
विविध |
इस पन्ने पर दी गई रचनाओं को विश्व भर के स्वयंसेवी योगदानकर्ताओं ने भिन्न-भिन्न स्रोतों का प्रयोग कर कविता कोश में संकलित किया है। ऊपर दी गई प्रकाशक संबंधी जानकारी छपी हुई पुस्तक खरीदने हेतु आपकी सहायता के लिये दी गई है।
- इस मौसम का सबसे / बृजनारायण शर्मा
- कंठ रुमाल घुटन्ना / बृजनारायण शर्मा
- इस बस्ती में शीत लहर / बृजनारायण शर्मा
- हो सकता यह बात / बृजनारायण शर्मा
- चलते-चलते रुका ज़रा-सा / बृजनारायण शर्मा
- दिन भर करी लावनी / बृजनारायण शर्मा
- मुक़दमा ख़त्म नहीं हुआ / बृजनारायण शर्मा
- घिरा बीहड़ से हमारा गाँव / बृजनारायण शर्मा
- शायद कोई छले / बृजनारायण शर्मा
- अंधभसोटा लगी आपके हाथ / बृजनारायण शर्मा
- ख़ास रह कर देखना मुश्किल / बृजनारायण शर्मा
- खेत किसी का कब्ज़ा कर / बृजनारायण शर्मा
- बिना बुलाए जो घुस आए / बृजनारायण शर्मा
- उगे कई ज़हरीले पौधे बदबूदार / बृजनारायण शर्मा
- सब जानूँ मैं ये दुनिया है / बृजनारायण शर्मा
- कायाकल्प हुई सड़कों की / बृजनारायण शर्मा
- जन-चर्चा थी सुनी / बृजनारायण शर्मा
- शायद तुमको पता नहीं / बृजनारायण शर्मा
- पानीदार बादलों से / बृजनारायण शर्मा
- राजधानी है,यहाँ / बृजनारायण शर्मा
- कहा आपका माना / बृजनारायण शर्मा
- क्या सभी मेरी तरह / बृजनारायण शर्मा
- यूँ लगता था अंधियारे को / बृजनारायण शर्मा
- कौन जाने, कल हवाएँ / बृजनारायण शर्मा
- कैसे बचे आदमी / बृजनारायण शर्मा
- का जाने क्यों तलब किया / बृजनारायण शर्मा
- हमारे पास भी होते अगर / बृजनारायण शर्मा
- चीख रहा है कुकर / बृजनारायण शर्मा
- मुँह-अंधेरे छोड़कर / बृजनारायण शर्मा
- तुम अतीत का द्वार / बृजनारायण शर्मा
- एक अरसे बाद वह / बृजनारायण शर्मा
- हो तुम मीलों दूर / बृजनारायण शर्मा
- बच्चे की क़िताब में / बृजनारायण शर्मा
- रामकरन की लड़की / बृजनारायण शर्मा
- प्रेम तभी सम्भव हो सकता / बृजनारायण शर्मा
- झूठ कहते हो / बृजनारायण शर्मा
- भटक रहा हूँ चार माह से / बृजनारायण शर्मा
- लौट जाइये नहीं मिलेगा / बृजनारायण शर्मा
- क्या पता तुम कह रहे / बृजनारायण शर्मा
- पहलवान थे एक / बृजनारायण शर्मा
- सपनों में आ रहे आजकल / बृजनारायण शर्मा
- जब तो सेवा करो / बृजनारायण शर्मा
- बात नहीं यह किसी और की / बृजनारायण शर्मा
- समाचार है मिला फ़ोन से / बृजनारायण शर्मा
- नहीं यार ! मैं नहीं छोड़ सकता/ बृजनारायण शर्मा
- याद ही बस शेष है / बृजनारायण शर्मा
- वह पुजारी है / बृजनारायण शर्मा
- मैं बिल्कुल तैयार नहीं था / बृजनारायण शर्मा
- तुम बुरा न मानो ओजू / बृजनारायण शर्मा
- नहीं जानता था इस घर की / बृजनारायण शर्मा
- कोरी आँखिन भोर हो गई / बृजनारायण शर्मा
- सब-कुछ खोकर पेट पालना / बृजनारायण शर्मा
- जब से होश सम्भाला / बृजनारायण शर्मा
- सुनी सुनाई नहीं कहूँ / बृजनारायण शर्मा
- एक पाँव भी खड़े हो सकें / बृजनारायण शर्मा
- भोर हुई, पड़ गई चिल्ल / बृजनारायण शर्मा
- अक्सर नहीं होता मन चीता / बृजनारायण शर्मा
- बहती होगी नदी कभी अब / बृजनारायण शर्मा
- साहिब ! मुझे तुम्हारी मदद / बृजनारायण शर्मा
- खाई कसम नहीं सुधरेंगे / बृजनारायण शर्मा
- आप कहेंगे बैठे-ठाले / बृजनारायण शर्मा
- तुम आए हो ख़बर लगी / बृजनारायण शर्मा
- यह निरा विश्वास है / बृजनारायण शर्मा
- जबकि चैनल नित / बृजनारायण शर्मा
- भोगा तुमने ख़ूब अन्धेरा / बृजनारायण शर्मा
- माना तुम हो ख़ूब पढ़ाकू / बृजनारायण शर्मा
- वही दिखेगा गोलबन्द / बृजनारायण शर्मा
- आप क्या हैं? यह पहेली / बृजनारायण शर्मा
- जैसे ही बादल बूंदों की / बृजनारायण शर्मा
- खुपड़चट्ट कर लिया ख़ूब / बृजनारायण शर्मा
- कल इतिहास बनेंगे / बृजनारायण शर्मा
- सावधान ! कुछ उल्टा / बृजनारायण शर्मा
- कवि त्रिलोचन हैं / बृजनारायण शर्मा
- कविता को लयदार देखकर / बृजनारायण शर्मा
- मुफ़्त में भेजा न खाओ / बृजनारायण शर्मा
- एक अकेली चिड़िया उड़ती / बृजनारायण शर्मा
- हत्या तो होगी यह तय है / बृजनारायण शर्मा
- मैं न पंडित हूँ न ज्ञाता / बृजनारायण शर्मा