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बाँस की बंशी बजाती / केदारनाथ अग्रवाल

बाँस की
बंशी बजाती
गेहुँओं के गीत गाती-

मोदमाती
यह मही है,
प्यार जो करती सभी को।

रचनाकाल: ०८-१०-१९८६