Last modified on 14 जुलाई 2017, at 13:48

बांस बॅन / विकास पाण्डेय

हमरा नै पानी के चिन्ता
नैं बतासॅ के
हमरा नै जेठॅ के डॅर
नै पूसॅ के
ई सभ्भे हमरॅ पचैलॅ छै
जुड़ाबै छी मन
हम्मे छिकां बांस बॅन
जों सहलाबै छै पुरबा तेॅ
जों सहलाबै छै पुरबा तेॅ
बाँसुरी के तान छेड़ै छियै
पत्ता सें करताल दै छियै
जों छेढ़ै छै अंधड़ तेॅ
जों छेड़ै छै अंधड़ तेॅ
धनुषटंकार करै छियै
नागॅ रं फुफकार करै छियै
तखनी हमें नाग
जेना काढ़ै छै फॅन
हम्में छिकां बांस बॅन।