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बाजी खर होते नहीं, चाहे खाय कपूर / गंगादास

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बाजी खर होते नहीं, चाहे खाय कपूर ।
यम नजाद बदलें नहीं, है ये बात जरूर ।।

है ये बात जरूर, तुखम तासीर सही है ।
समझदार ने बात समझ कर ठीक कही है ।।

गंगादास खर पशु रहें कूड़ी पर राजी ।
ताज धरो चाहे शीश, गधा होता ना बाजी ।।