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बाढ़-2 / स्वप्निल श्रीवास्तव

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बाढ़ सब से पहले हमारे घर
आती है

अपने समय पर पहुँच जाता है
सूखा

सबसे बुरी ख़बर यह है कि
राजनेता हमारे घर आने लगे हैं

उनकी शक्लों में दिखाई देते हैं
गिद्ध
वे झपट्टा मारने को तत्पर हैं

हम बाढ़ और सूखे से खुद को
बचा लेंगे
कोई हमें इन आदमख़ोरों से
बचाए