बाढ़ के राहत के कइसन काम / सिलसिला / रणजीत दुधु
बाढ़ के राहत के कैसन काम
सड़क रोजे हो रहलो जाम
जनप्रतिनिधि के ऐसन सोभाव
वितरण में करे हे भेदभाव
केकरो देलक बाले-बच्चे
केकरो देलक एक्के नाम
बाढ़ राहत के कैसन काम।
सूची बनैलका मुखिया जी
तइयो हे जनता दुखिया जी
लगुआ-भगुआ के मनमाना
जे-जे भोट में आवत काम
सड़क रोजे हो रहलो जाम।
कैसन-कैसन सबके चाहत
करोड़पति भी लेलक राहत
जे जे लेलका हाथ पसार
उ सभे पहुँच गेला सुरधाम
सड़क रोजे हो रहलो जाम।
माय के नाम बेटी लेलक
बेटा के नाम पति बनैलक
कैसन-कैसन होलो कुकरम
मरलो के होल जिंदा नाम
सड़क रोजे हो रहलो जाम।
माउग भी दे देलक तलाक
कहलक जेकरा इहो न´ लुर
ओकरा साथे नाक कटाम
सड़क रोजे हो रहलो जाम।
बीबी के डर से तोड़-फोड़
न´ लेम राहत देती छोड़
मान-मर्यादा बचवे खातिर
धरना देही सुबह से शाम
सड़क रोजे हो रहलो जाम।
बाँटे वाला के न´ हे दोष
ओकरा पर जनता के रोस
डुबा-डुबा पानी में कते के
कर देलकै सब काम तमाम
सड़क रोजे हो रहलो जाम।
मुखिया अफसल के की कहना
उनकर बीबी गढ़ैधिन गहना
सूची रातो-रात बढ़ जैतै
दुन्नू हाथ से सभे मिल खाम
सड़क रोजे हो रहलो जाम।
न´ लेलक उहे असली बंदा
धरती पर उहे हके जिंदा
उहे आदमी पर हे गौरव
ओकरा करऽ ही हम प्रणाम
सड़क रोजे हो रहलो जाम।
बाढ़ राहत के कैसन काम।