भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

बाढिन गजब मांछी, बत्तर-कीरा "ओ" फांफा / कोदूराम दलित

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

बाढिन गजब मांछी, बत्तर-कीरा "ओ" फांफा,
झिंगरुवा, किरवा, गेंगरुवा, अँसोढिया ।
पानी-मां मउज करें-मेचका, किंभदोल, धोंधी ।
केंकरा, केंछुवा, जोंक मछरी अउ ढोंड़िया ।।

अंधियारी रतिहा मां अड़बड़ निकलयं,
बड़ बिखहर बिच्छी, सांप-चरगोरिया ।
कनखजूरा-पताड़ा, सतबूंदिया "ओ" गोेहेह,
मुंह लेड़ी, धूर, नांग, कंरायत कौड़ीया ।।