भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

बातें हम करें असल / अवधेश्वर प्रसाद सिंह

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

बातें हम करें असल।
होंगे हम तभी सफल।।

करना मत कभी नकल।
बहरों पर करो अमल।।

महलों से गई निकल।
हर दिल से मिली ग़ज़ल।।

बागों में खिले सुमन।
कीचड़ में खिले कमल।।

सब मिलकर करें यतन।
विकसित हो नई पहल।।