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बातों दी सरकार (पंजाबी) / हबीब जालिब

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डाकुआँ दा जे साथ न दिंदा पिंड दा पहरेदार
अज पैरें ज़ंजीर ना हुंद जित ना हुंदी हार
पग्गन अपने गल विच पा लो तुरो पेट दे भार
छड जाए ते मुश्किल लेहंदी बातों दी सरकार ।