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बात-बात में तकरार घणी / सांवर दइया

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बात-बात में तकरार घणी
कद लेसी तूं अवतार धणी

गोधां नै कुण कांई कैवै
है मिनख नै अठै मात घणी

कांई ठा कद जीतसां आपां
पग-पग देखी म्हैं हार घणी

लिछमण रेखा किंयां ओळंगा
आंख्यां आगै है कार धणी

थारै भरोसै नाव म्हारी
अबै तूं ई लगा पार धणी