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बात तोहरा से बताईं त बताईं कइसे / मनोज भावुक
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बात तोहरा से बताईं त बताईं कइसे
बात तोहरा से छिपाईं त छिपाईं कइसे
बात कागज ले रहित तब त अउर बात रहित
बात दिल पर से मिटाईं त मिटाईं कइसे
अब हिया में बा चढ़त जात निराशा के जहर
आस के फूल खिलाईं त खिलाईं कइसे
आग बाहर के ना ,भीतर के हऽ ई, ए भाई
एह से अपना के बचाईं त बचाईं कइसे
बात गजले में कहत बानी हिया के अपना
का करीं, मन के मनाईं त मनाईं कइसे