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बात तो होती रही है दुश्मनों से भी हमारी / कैलाश झा 'किंकर'
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बात तो होती रही है दुश्मनों से भी हमारी
सबसे खुलकर मिल रहे हम दुश्मनी हो या कि यारी।
आपके अरमान भी पूरे सभी होंगे यकीनन
शर्त है कोशिश रखेंगे आप अन्तिम क्षण भी ज़ारी।
हारने की बात तो दिल में कभी उपजी नहीं है
हर सफलता के लिए संघर्ष हम करते हैं भारी।
वोट की क़ीमत पर सौदा देश का है कौन करता
देश से बढ़कर हमारा लक्ष्य कोई भी न तारी।
आज भी कश्मीर से कन्याकुमारी तक खिले हम
वीर सैनिक हर जगह तैनात हैं पोशाकधारी।
राम का यह देश है हनुमान-से सेवक बहुत हैं
खा रहीं मुँह की अभी भी शक्तियाँ जो बिघ्नकारी।