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बात सही / श्रीप्रसाद

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भाई मेरी मजबूरी है
दूध गिराया, बात सही
दही आज अथरी से खाया
कुछ फैलाया, बात सही

दीनू की दादी तोड़ेंगी
टाँगें मेरी, बात सही
लेकिन पहले पायें मुझको
करें न देरी, बात सही

मैं चुपके-चुपके आती हूँ
पता न लगता, बात सही
सब सो जाते, कोई प्राणी
कहाँ न जगता, बात सही

तुरत कूदकर छत पर जाती
नीचे आती, बात सही
कहीं दीखती कोई चुहिया
चट से खाती, बात सही

जासूसों-सी सारे दिन ही
घूमा करती, बात सही
दुश्मन जैसी हूँ, लेकिन मैं
कभी न डरती, बात सही

चौके में जब भी जाती हूँ
आफत आई, बात सही
रोटी खाई, बरतन उलटा
दाल गिराई, बात सही

एक बार काकी ने मुझको
डंडा मारा, बात सही
मैं तो भागी, टूटा उनका
शीशा प्यारा, बात सही

मेरे लिए बाँध दो खाना
छुट्टी पाओ, बात सही
मुझे परोसो और खिलाओ
प्यार दिखाओ, बात सही

मैं चंचल हूँ, सीधी बनकर
नहीं रहूँगी, बात सही
मैं नुकसान करूँगी हरदम
सदा कहूँगी बात सही

भला-बुरा कह लो, पर मुझको
नहीं बदलना, बात सही
अपनी समझो, मुझको अपने
रस्ते चलना बात सही।