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बादल हैं किसके काका ? / सुभद्राकुमारी चौहान

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अभी अभी थी धूप, बरसने
लगा कहाँ से यह पानी
किसने फोड़ घड़े बादल के
की है इतनी शैतानी।

सूरज ने क्‍यों बन्द कर लिया
अपने घर का दरवाज़ा
उसकी माँ ने भी क्‍या उसको
बुला लिया कहकर आजा।

ज़ोर-ज़ोर से गरज रहे हैं
बादल हैं किसके काका
किसको डाँट रहे हैं, किसने
कहना नहीं सुना माँ का।