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बापू जी के बंदर / दीनदयाल शर्मा
Kavita Kosh से
बापू गाँधी जी के बन्दर
तीनों मेरे मन के अन्दर।
पहला बन्दर कहता है
बुरा मत सुनो।
दूजा बन्दर कहता है
बुरा मत देखो।
तीजा बन्दर कहता है
बुरा मत कहो।
तीनों मेरे साथी सच्चे
कहना माने हम सब बच्चे।।