बापू तुम्हें प्रणाम / सरोजिनी कुलश्रेष्ठ
हम भारत के नन्हें बालक,
करते तुम्हें प्रणाम।
अहा महात्मा गाँधी हो तुम,
दुनियाँ लेती नाम,
बापू तुम्हें प्रणाम।
हमने देखा नहीं तुम्हें पर,
देखी है तस्वीर।
बूड़े से तुम चलते डग भर,
चाल भरी गंभीर।
हँसते हुए किए हैं तुमने,
जाने कितने सबके काम,
बापू तुम्हें प्रणाम।
आँखों ही आँखों में बापू,
हम देख मुसकाते।
हम भारत के लाल इसी से,
हम पर प्यार लुटाते।
हम भी श्रदा करते हैं और
करते बारम्बार प्रणाम,
बापू तुम्हें प्रणाम,
तुमने सदा सत्य बोलो सिखलाया,
दिया अहिंसा अस्त्र।
देश प्रेम का झण्डा कर में,
खादी का शुभ वस्त्र।
वस्त्र नहीं खादी विचार है,
रमते इसमें राम।
बापू तुम्हें प्रणाम।
सभी धर्म है एक, सभी मिल,
एक समान रहो।
बुरा कहो मत, बुरा सुनो मत,
बुरा न कभी कहो।
गुरु मंत्र सिखलाया तुमने,
बने हमारे काम।
बापू तुम्हें प्रणाम।