मगही लोकगीत ♦ रचनाकार: अज्ञात
बाबा के अँगना लवँग केर गछिया<ref>गाछ</ref>।
फूल चुअए<ref>चूते हैं, टप-टप गिरते हैं</ref> चारो कोना, रे मेरो टोना॥1॥
फूल चुन चुन तबीज<ref>गलियों में</ref> बनैलों<ref>मारना</ref>।
बान्हू<ref>बाँधता हूँ</ref> दुलरइता दुलहा बाजू<ref>बाजू, भुजा</ref> रे मेरो टोना॥2॥
शब्दार्थ
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