बाबा छोटूनाथ / राजेराम भारद्वाज
चार धाम गंगा-जमना से, 68 तीर्थ के! न्यारे, 
करके नै अस्नान देखिये, नाम गिणादूं मैं सारे॥टेक॥
गौमुखी, गंगोत्री, गौमती, ऋषिकेश गढ़, हरिद्वार, 
गयाजी, पिरागराज, त्रिवेणी, गंगासागर पहली बार, 
भुवनेश्वर, जगन्नाथपुरी, रामेश्वर, बद्रीनाथ, केदार, 
त्रिवेन्द्र, तप्ती, सिया-नंदा, नदी नर्मदा तीर्थ चार, 
कोटी, बिश्नेश्वर, विश्वकर्मा, मधु, ब्रह्मपुत्र खारे॥
त्रिकेश नारद, नागेश, सोम, भीमेश, मलिकार्जुन, महाकाल, 
स्वर्णशिला, अंगिरस, अग्नि, तिरुपति, बालाजी, कम्पाल, 
कृष्णा, कुबेरी, स्कन्द, शारदा, सिन्धुमान, सरोवर ताल, 
कपिल-वास्ति, मुख-भंडारी, थानेश्वर, बिन्धू, रिक्वाल, 
कांशी, विश्वेनाथ, भूतेश्वर, शम्भू दुःख भंजन हारे॥ 
बाल्मिक, जमदग्नि, सप्तऋषि, 12 ज्योतिर्लिंग शिव के धाम, 
स्वर्ग आश्रम सूर्यकुंड म्य, सूर्य जल पीवै थे रथ नै थाम, 
पुनम्ही, पोषणी, गौतमी, रहे गोदावरी पै सियाराम, 
अवध, द्वारका, गौकुल, मथुरा, जमना के तट पै घनश्याम, 
बजाके मुरली गोपनियाँ म्य, रास करै थे कृष्ण प्यारे॥
सुमेरु के शिखर आकाश गंगे, तीर्थ केशनी कोल्हासर मैं, 
सरयू, सुरस्ती, मार्कन्डे, मालनी म्य, न्हाया फल्गु-पुष्कर मैं, 
कमंद, मेघना, ब्रह्मसरोवर तीर्थ सै कुरुक्षेत्र मैं, 
मात-पिता गुरु-संत अतिथि, चार धाम पूजै घर मैं, 
राजेराम रामरा तीर्थ, पांडू न्हाये पिंडारे॥
 
	
	

