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बाबुल भेज रहे परदेश मैया के घर छूट रहे / बुन्देली
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बुन्देली लोकगीत ♦ रचनाकार: अज्ञात
बाबुल भेज रहे परदेश मैया के घर छूट रहे।
नौ दस माह गरभ में रह कै बेटी जात तुम्हारी विदेश,
माता लइयो खबर हमेश उतै हुइयें कितने कलेस
मइया के घर छूट रहे। बाबुल भेज रहे...
घर में बेटी भई सियानी अपने पेटे नईं समानी
तासें हमने करी बिरानी।
भइया के घर छूट गए। बाबुल भेज रहे...
पाँसे परने ते सो पर गए कन्यादान पिता ने ले लये
हमकौ वर ढूँढ विराने कर दये हमरो जनम कटै बोई देस
भइया के घर छूट रहे।
बाबुल भेज रहे परदेस मइया के घर छूट रहे।