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बायपास / मालिनी गौतम

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कॉलेज की इमारत जब से बनी
तब से ही
रामू का झोंपड़ा और खेत
कॉलेज के बग़ीचे का हिस्सा थे।

कॉलेज खत्म होने के बाद
उसके बच्चे राजकुँवरों की तरह
दौड़ते रहते कॉलेज के गलियारों में
बूढ़ा बाप बगीचे में लगे
महुआ के झाड़ के नीचे बैठा-बैठा
बीड़ी फूँकता,
सीज़न में महुआ के फूल और फल इकट्ठे करता,
बगीचे के दो तरफ़ फ़ेंसिंग पर चढ़ी
बालौर, करेला, कीकोड़ा और फोद की बेलें
रामू की बूढ़ी गंगा माँ का अक्षयपात्र थीं,
रामू भी खेतों से फुर्सत पाते ही चला आता
गुलाबों की निराई-गुड़ाई करने,
आवाज़ लगाने पर
अध्यापकों के छोटे-मोटे काम भी निपटा देता,
कुल मिलाकर
दिन झोंपड़े में कम, कॉलेज में ज़्यादा बीतते।

सत्यानाश हो सड़क बनाने वालों का
जिन्हें "बायपास" बनाने के लिए
यही जगह पसन्द आई
और देखते ही देखते
विशाल अजगर-सी लहराती सड़क
लील गई खेतों को।

अब सड़क के उस तरफ़ है
रामू का झोंपड़ा
और इस तरफ़ है
कॉलेज की पुरानी इमारत
नई फ़ेंसिंग के साथ।

एक घर यूँ इस तरह हद बाहर हो गया
आम के पेड़
बेर की झाड़ियाँ
और मक्की के खेत
अचानक ही हाथों की पहुँच से दूर हो गए।

पूरी सड़क गोल घूमकर
आने-जाने में दिक्कत तो थी ही
बच्चे फिर भी आते रहे
फ़ेंसिंग के तार ऊँचे करके
अपनी रियासत में ,
कभी-कभी
रामू भी आता
उन्हीं तारों को ऊँचा करके
बगीचे को खाद-पानी देने के लिए
धीरे-धीरे बूढ़ी गंगा माँ की
मक्की की रोटी और लहसन की चटनी का स्वाद
अध्यापकों की जुबान के बजाय
मुँह से
निकलने वाली सिसकारी
और आँख से निकलने वाले आँसुओं में
अटक कर रह गया,
उजड़ी रियासत में जब
पेट भरने के लाले पड़ने लगे
रामू चला गया बच्चों को लेकर शहर
कुछ खाने-कमाने के लिए,
सोलह बरस की उमर में
इस झोंपड़े में गौना करके आई
गंगा माँ भला कहाँ जाती ?
पत्थर करेजवा गंगा माँ
सिलबट्टे पर चटनी के साथ
अपना नसीब पीसते-पीसते चल बसी।

बूढ़ा अब भी करता है परिक्रमा
घर से कॉलेज और कॉलेज से घर की
महुए के पेड़ के नीचे
बीड़ी पीते-पीते
देता है गाली अजगर सड़क को
फेंकता है पत्थर
"बायपास" से गुज़रने वाले ट्रकों और बसों पर
कुछ दिन पहले
महुए के पेड़ को काटकर
अपने आँगन में रोपने की ज़िद में
मार बैठा है कुल्हाड़ी
ख़ुद के ही पैर पर।

किसी ने उससे कहा
"बायपास" तो दूरियों को कम करके
जगहों को जोड़ते हैं
बूढ़ा गरियाते हुए बोला
"बायपास" अच्छे-ख़ासे नसीब पर
ठीकरा फोड़ते हैं
दिलों को तोड़ते हैं
रिश्तों को सिकोड़ते हैं
नेह को निचोड़ते हैं
"बायपास" अजगर होते हैं।