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बाय प्रॉडक्ट्स / एस. मनोज
Kavita Kosh से
भविष्य संवारने के लिए
अपन सब कुछ न्योछावर कर चुके
युवक-युवतियों का भविष्य
अंधकारमय दिखना
जीवन के जद्दोजहद में
आशाओं अभिलाषाओं का मर जाना
राष्ट्र निर्माण में ऊर्जा लगाने के बजाय
बेरोजगार हो कुंठाग्रस्त जीवन जीना
जॉब्लेस विकास के बायप्रोडक्ट हैं।
उत्तर आधुनिकतावाद की
सतरंगी सपनों को दिखाता
यह जॉब्लेस ग्रोथ
युवक-युवतियों के लिए चुनौती है
वह चाहे तो उसकी आरती उतारे
चाहे तो उसकी अर्थी सजाए।