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बारिशों का मौसम / राजीव रंजन

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सारी खुशबूओं को दबाकर
मिट्टी की सोंधी महक
नाकों में आ रही है।
शायद बारिशों का
मौसम आने वाला है।
तभी तो जली यह धरती
फिर से खिल उठी।