वह साठ का दशक था
मैं नया-नया पैदा हुआ था
और मुझे यह सोचना अच्छा लगता है,
कि उस वक़्त रेडियो पर मैंने भी सुना होगा किसी
फ़िल्मी गीत मेम सौ-सौ वायलिनों को एक साथ बजते
अपनी माँ के साथ बहुत सुरक्षित-सा चिपके हुए
मेरे लिए शायद वही
पहली बारिश की आवाज़ थी ।