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बारिश-2 / वन्दना टेटे
Kavita Kosh से
ये तो अच्छा हुआ
कि दर्द आँखों के रास्ते
बाहर आ
सावन से मिल गया
बारिश की लड़ियों से
मिल गया दर्द
और तोड़ दी कितनी बन्दिशें
पहरे और क़समें ।