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बारिश-3 / मेटिन जेन्गिज़ / मणि मोहन

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बारिश होती है किसी निर्बाध लोकगीत की तरह
जैसे बर्फ़ की चट्टाने गिरती हैं खिड़कियों पर
टूट कर अलग हो चुका है संसार का क़ब्ज़ा
और आसमान उतर आया है जैसे अपने बाल खोलकर

मुझे याद रखना प्रिय इस प्रभामण्डल के बीच
इस ज्वाला में जिसे बारिश ने पैदा किया है
उस बची हुई आग में जो सड़को पर पड़ी है
मुझे याद रखना प्रिय खण्डहरों के बीच

मैं इस दुनिया के लिए ध्वंसावशेष में बचा हुआ हूँ ।

अँग्रेज़ी से अनुवाद : मणि मोहन

लीजिए, अब यही कविता मूल तुर्की भाषा में पढ़िए
            Metin Cengiz
             YAĞMUR-3

Uzun hava gibi yağıyor yağmur
Sanki çığ düşüyor pencerelere
Dünyanın menteşeleri kopuyor
Gök saçın yolarak iniyor yere

Beni bu havalarla an sevgili
Yağmurun bıraktığı yangınlarla
Beni yaktığı ateşle sokakta
Beni böyle alt üst oluşlarla an

Bir alt üst oluşum bu dünyaya ben