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बारिश और बिल्ली / विमल कुमार
Kavita Kosh से
इतनी बारिश हो रही है
एक बिल्ली मेरे घर की खिड़की पर
बैठी है चुपचाप
वह बाहर नहीं जा रही है
वहीं से देख रही है बादलों को
बादल भी उसे आसमान से देख रहे हैं
मैं इस बारिश में
कभी बादल को
कभी बिल्ली को देख रहा हूँ
इस तरह अपने जीवन को
कुछ नया कर रहा हूँ
आप भी इस तरह देखिए
अपने जीवन में कोई दृश्य
आपसे मैं यह बयाँ कर रहा हूँ।