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बारिश में भीगे तीस साल / निकिफ़ोरॉस व्रेताकॉस / अनिल जनविजय

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वे जब गाते थे
खिड़कियाँ खुल जाती थीं
जो नाज़ियों के लिए हमेशा बन्द रहती थीं ।

नायकों के क़दमों की आवाज़ें
हमेशा अलग होती हैं दूसरी सभी आवाज़ों से
और जब वे गाते थे
सबकुछ बदल जाता था
चमकदार लहराते झण्डों में ।

वे मर चुके थे
पर उनका प्रयाण जारी रहा
हालाँकि आज़ादी ने उन्हें नहीं देखा
एथेन्स के सिण्टागमो चौक पर उन्हें चलते हुए

आज़ादी ने उन्हें नहीं देखा
परेड शुरू होने के इन्तज़ार में
बारिश में भीगते हुए तीस साल तक।

रूसी भाषा से अनुवाद : अनिल जनविजय