भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
बारिश हो रही है / नंदकिशोर आचार्य
Kavita Kosh से
भीग आया है सभी कुछ
आँगन-छतें
पगडंडी, पेड़, पहाड़
हवा और आकाश
आँखें भी
बारिश हो रही है।
—
9 सितम्बर 2009