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बाला का बरतुही (बंगला डार) / बिहुला कथा / अंगिका लोकगाथा

होरे पुरबे खोजल में बंगला जे राजा हे।
होरे बाला जोगे कन्या हमें न देखलाँ कुमारी हे॥
होरे पश्छिम खोजिला से देव करतार हे।
होरे बाला जोगे कन्या हमें नै देखिलाँ कुमारी हे॥
अरे उतरे खोजिला में मोरंग जे राजा हे।
होरे बाला जोगे कन्या नै देखिलाँ कुमारी हे॥
अरे अरे दिवखन जे खोजिला में धाम जगरनाथ हे।
बाला जोगे कन्या नै हमें देखिलाँ कुमारी हे॥