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बाला सोई जपै हर माला / संत जूड़ीराम

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बाला सोई जपै हर माला।
गगन मंडल में आसन लागी सुनत शबद परवीन रसाला।
कर्म जाल जम जाल दूरकर पूरन प्रेम नाम मतवाला।
अजपा जपत सिवत कर गुरु की है अवधूत अजब रंग वाला।
बैठ महल में कहल बुझायो छिमा शील संतोष पियाला।
जूड़ीराम गुरु ज्ञान मगन है क्या कर सकत जगत जो जाला।