Last modified on 10 जून 2020, at 02:39

बाल-गोपाल / वाल्झीना मोर्त / अनिल जनविजय

आख़िर हम बच्चे हैं

आधी रात को
डांस-फ़्लोर पर नाचते वयस्कों के पैरों के बीच
रोलते-डोलते
चेहरों को रंगते हैं वैसे ही
जैसे रंगते हैं ईस्टर पर अण्डों को (ईसाई)
ठूँसते हैं एक-दूसरे के मुँह में
लाल ज़ुबानों के लिफ़ाफ़ों में
रिश्वतें और लूट

बच्चे हैं हम
हमारे लिए एक ही हैं
समुद्री यात्राएँ करने वाले सिन्दबाद
और अल्लाह ओ अकबर





रूसी भाषा से अनुवाद : अनिल जनविजय