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बाल कविताएँ / भाग ३ / रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु'

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माली
सींच–सींचकर हर पौधे को

हरा-भरा करता है माली

रंग-बिरंगे फूलों से नित

बगिया को भरता है माली

हर पौधे से और पेड़ से

बगिया में होती हरियाली ।


मोर
आसमान में उड़ते बादल

घुमड़-घुमड़ जब करते शोर।

रंग –बिरंगे पंख खोलकर

खूब नाचता है तब मोर ।


माता-पिता
माता-पिता बहुत ही अच्छे

जी भर करते हमको प्यार ।

सुबह जागकर सबसे पहले

उन्हें करते हम नमस्कार ॥


बापू
सबसे मिलकर रहो प्रेम से

पाठ पढ़ाया बापू ने ।

‘आज़ादी लेकर मानेंगे’

हमें सिखाया बापू ने ।


तिरंगा
सदा तिरंगा झण्डा प्यारा

ऊँचा इसे उठाएँगे हम ।

चाहे जान हमारी जाए

इसको नहीं झुकाएँगे हम ।